मरठा कलार/मठ्ठा तेली समाज का इतिहास
मरठा कलार/मठ्ठा तेली समाज के उद्गम के बारे में लोगों के अलग-अलग विचार है। स्व. श्री नानुराम भाट के मतानुसार ई.स. 1315-1325 के दरम्यान पचमड़ी क्षेत्र में महाकार राठौड-राजपुत राजा राज करता था और आसपास में मुस्लिम राजाओं की सत्ता थी, जिसवजह से उन्हें हर समय मुस्लिम सेना के आक्रमण का सामना करना पडता था। सन 1325 को महाकार राजा का देहांत हो गया। उनके पश्चात उनका बेटा कल्लुसिंग रावत राजगद्दी संभालने लगा। कुछ समय बाद मुस्लिम सेना ने कल्लुसिंग पर आक्रमण किया। इस में कल्लुसिंग के सेना की विजय हुई। लेकिन उन्होंने फिर से बहुत बड़ी सेना के साथ आक्रमण किया। इस युध्द में कल्लुसिंग मारा गया। उसके तुरंत बाद राजमाता और महारानी मुस्लिम सेना के पहुंचने के पहले ही सती हो गई।
राजपुत सरदार और पुरी सेना बिखर गई और मुस्लिम आक्रांताओं से बचने के लिये उन्होंने महादेव के पर्वत (सतपुड़ा) पर शरण लिया। उधर मुस्लिम सेना ने राजपुतों और अन्य हिन्दुओं को देखते ही जान से मारना शुरु किया। मुस्लिम सेना के इस संकट से बचने के लिए वे अपनी पहचान छुपाकर मठ में रहने लगे। उसके बाद वे अपने को कोई तेली साहु (मठ्ठा तेली), तो कोई कलार सावजी (मरठा कलार) कहलाने लगे। धीरे धीरे वे बैतुल, छिंदवाड़ा और उसके आस-पास के क्षेत्र में गाव बसाते गये। जिसने जिस गांव को बसाया, आगे उस गांवको खेड़ा का दर्जा प्राप्त हुआ।
संकलन: श्रीकृष्ण जमईवार (जांभले),
पत्रकार, आकोलखेड, ह. मु. नागपुर मो. 9096533043
क्षत्रिय मरठा कलार एवं मठ्ठा साहु समाज के प्रचलित कुल गोत्र एवं खेड़ा
(संकलन: स्व. श्री रामाराव मुकासाव चौरागड़े एवं भाट श्री त्रिलोकीनाथ)
अ. क्र. |
कुल गोत्र |
खेड़ा |
---|---|---|
१ |
चौरागड़े, चौरागड्या |
हिरा, खापा, माथनी |
२ |
चौरागड |
बाबुलखेडा, बाबुलकाट |
३ |
चौरागडे, चवरगढ़ैया |
बाबुलकाट, भटमऊ |
४ |
चौरागड़ |
मदनखेड़ा |
५ |
चौरावार (चौरे) |
सरखेड़ा, साखरखेड़ा, सुपारखेड़ा |
६ |
चौरीवार |
चित्तरखेड़ |
७ |
भोयरे, भोयरीया, भोयर |
भुजवार |
८ |
डोहरे, डोहरीया, डोहारे, डोहळे |
हरगिड़, हिरदागड़ |
९ |
डाहाके, डाहाकिया |
रंगभेसाम, जोहरपुर |
१० |
गजघाट |
तितया, सन्नेकापाट |
११ |
गंगभोज, बलबंडा, गणभोज |
अमोनि, समोनि |
१२ |
पालेवार, पल्हेवार, पाले |
सुनवाट, सुनमरु |
१३ |
पिपरेवार |
नगलकाड़ा, जमन्या |
१४ |
पिंपराले |
सिमरीया |
१५ |
पिपरी |
सिमरीया |
१६ |
जमईवार, जांभळे, जेमी |
जांभुळपाणी, जमारपानी |
१७ |
धुवाधपाडे, धुवारे, धुवे, धपाडे |
धनजालपुर, बघोली |
१८ |
कावड़े, कावडिया |
बलखेड़ा |
१९ |
सिरसाट |
सोनुली, रंगमोचन |
२० |
बिसेन, बिसने |
अबडेवार, डोबंडवार |
२१ |
बिजेवार, बिजने, विजयवार |
पालखेड़ा |
२२ |
बारेवार, बायेवार, बारे, बाडीवार |
आजनबोजोरी |
२३ |
दियावार, दियेवार, दिवेवार |
सरीछल्या, छुरी, सलैया |
२४ |
आदवार, आदवारे, यादवार, आदमेर |
किंडामेवार, डुडुमोंगड़ |
२५ |
शेंडे, सोनवाने, सोनेवार |
डोरल्या |
२६ |
कोल्हे, कोल्हटकर (राठोड), कोल्हारे |
जामई |